अफ्रीका से चला खतरनाक एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) वायरस पड़ोसी देश पाकिस्तान तक पहुंच चुका है। 15 अगस्त को WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स को इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। अब तक दुनिया भर में इसके 20,000 केस मिल चुके हैं और 537 लोगों की मौत हो चुकी है।
सवाल 1: एमपॉक्स क्या है, और इसकी शुरुआत
कहां से हुई?
जवाब: एमपॉक्स, जिसे पहले
मंकीपॉक्स कहा जाता था, एक वायरल बीमारी है। पहली बार 1958 में
डेनमार्क में रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण देखे गए थे।
इंसानों में इसका पहला मामला 1970 में कांगो में पाया गया, जब
एक 9 साल के बच्चे में इस बीमारी की पुष्टि हुई। यह बीमारी सामान्यतः रोडेंट्स (जैसे
चूहे, गिलहरी) और नर बंदरों से फैलती है, लेकिन इंसानों से इंसानों में भी संक्रमण फैल सकता है। इसके लक्षण चेचक के
समान होते हैं, जिनमें फफोले या छाले बन जाते हैं, जो बाद में मवाद से भर जाते हैं और सूखने के बाद ठीक हो जाते हैं। 2022 में,
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बीमारी का नाम
बदलकर एमपॉक्स कर दिया, क्योंकि इसका प्रसार सिर्फ बंदरों तक
सीमित नहीं है, और इसका नाम बंदरों के लिए एक कलंक जैसा था।
सवाल 2: WHO ने एमपॉक्स
को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी क्यों घोषित किया है?
जवाब: 2022 के बाद से, एमपॉक्स को
दूसरी बार इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया है। 15 अगस्त को WHO
ने बताया कि अब तक केवल अफ्रीका में ही इसके 20,000 से ज्यादा मामले
सामने आ चुके हैं। इस बीमारी का तेजी से फैलाव चिंता का कारण है, और WHO को आशंका है कि यह अन्य देशों में भी फैल सकता
है। इसकी शुरुआत कांगो से हुई थी और इसके बाद यह पड़ोसी देशों में फैलने लगा। कोरोना
वायरस की तरह यह भी हवाई यात्रा और अन्य ट्रैवल साधनों से दुनिया भर में फैलने का खतरा
है।
सवाल 3: क्या भारत को फिलहाल
एमपॉक्स से चिंता करने की जरूरत है?
जवाब: एमपॉक्स का वायरस अफ्रीका
से पड़ोसी देश पाकिस्तान पहुंच चुका है, जहां तीन मामले सामने आए हैं।
इनमें से दो मामले अफ्रीका से लौटे यात्रियों में पाए गए हैं। भारत में भी अफ्रीका
और सऊदी अरब से आवाजाही होने के कारण इस बीमारी के फैलने का खतरा बना हुआ है। 2022
में भी भारत में एमपॉक्स के कुछ मामले देखे गए थे।
सवाल 4: क्या एमपॉक्स भी कोरोना
जितना खतरनाक और तेजी से फैलता है?
जवाब: नहीं, एमपॉक्स की
फैलने की रफ्तार धीमी है और यह कोरोना जितना संक्रामक नहीं है। इसके फैलने की दर और
मृत्यु दर दोनों ही कोरोना की तुलना में काफी कम हैं।
सवाल 5: एमपॉक्स वायरस का कौन-सा
वैरिएंट तेजी से फैल रहा है, और यह कितना खतरनाक है?
जवाब: एमपॉक्स का 'क्लेड Ib'
नामक एक वैरिएंट तेजी से फैल रहा है, जो मुख्य
रूप से अफ्रीका के कांगो में पाया गया है। यह घरेलू संपर्कों से फैलता है और बच्चों
को संक्रमित करता है। 2022 में फैलने वाला वैरिएंट क्लेड IIb मुख्य रूप से यौन संपर्कों से फैलता था। क्लेड Ib क्लेड
IIb की तुलना में अधिक घातक और तेजी से फैलने वाला है।
सवाल 6: संक्रमण के कितने दिनों
में यह बीमारी फैलती है?
जवाब: जब कोई व्यक्ति एमपॉक्स
से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो 3 से 7 दिनों के भीतर वायरस
शरीर में असर दिखाने लगता है। एमपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति संक्रामक होता है जब तक कि
उसके सभी घाव ठीक न हो जाएं और त्वचा की नई परत न बन जाए।
सवाल 7: क्या एमपॉक्स की कोई
वैक्सीन है?
जवाब: एमपॉक्स के लिए विशेष
कोई वैक्सीन नहीं है। हल्के मामलों में लोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता से ही ठीक हो जाते
हैं। हालांकि,
JYNNEOS नामक एक वैक्सीन को एमपॉक्स के इलाज के लिए मंजूरी दी गई है।
यदि इसे संक्रमण के 4 दिनों के भीतर दिया जाता है, तो यह बीमारी
की गंभीरता को कम कर सकता है।
सवाल 8: अगर मुझे या मेरे परिवार
में किसी को एमपॉक्स हो गया तो क्या करना चाहिए?
जवाब: सबसे पहले, पेशेंट को
आइसोलेट कर दें और उसकी उपयोग की गई चीजों का उपयोग न करें। संक्रमण सामने आते ही वैक्सीन
लगवाएं। जब तक त्वचा की नई परत न आ जाए, तब तक पेशेंट को दूसरों
से दूर रखें। लक्षणों के आधार पर इलाज करें और मरीज को पौष्टिक भोजन दें ताकि उसकी
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके।
सवाल 9: पहले कब-कब एमपॉक्स
का आउटब्रेक हुआ था?
जवाब: 1970 में कांगो में पहला
मानव मामला सामने आया था। इसके बाद यह 11 अफ्रीकी देशों में फैल गया। अफ्रीका के बाहर
पहला आउटब्रेक 2003 में अमेरिका में हुआ, जहां यह पालतू कुत्तों के माध्यम
से फैला। इसके अलावा, 2018 और 2022 के बीच ब्रिटेन, इजराइल और सिंगापुर में भी एमपॉक्स के मामले पाए गए, जिनकी यात्रा की पृष्ठभूमि थी।
सवाल 10: क्या एमपॉक्स कोरोना
की तरह महामारी में बदल सकता है?
जवाब: विशेषज्ञों के अनुसार, एमपॉक्स कोरोना
की तरह आसानी से नहीं फैलता है और यह फिलहाल कोई गंभीर बीमारी नहीं है। इसके बड़े पैमाने
पर वैक्सीनेशन की जरूरत नहीं है। संक्रमण से बचने के लिए लोग सुरक्षित यौन संबंध बनाएं,
हाइजीन का ध्यान रखें और नियमित रूप से हाथ धोते रहें। एमपॉक्स का वायरस
कोविड की तरह म्यूटेट होकर अधिक खतरनाक रूप नहीं ले रहा है।
निष्कर्ष:
एमपॉक्स एक गंभीर वायरल बीमारी है, लेकिन यह कोरोना वायरस जितनी तेजी से नहीं फैलती और न ही उतनी खतरनाक है। हालांकि, इसका फैलाव रोकने के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां यह पहले से फैल चुका है। एमपॉक्स का संक्रमण सामान्यतः
रोडेंट्स और बंदरों से फैलता है, लेकिन इंसानों के बीच भी
इसका प्रसार संभव है। WHO
ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है, जिससे इसके प्रति सतर्कता बरतना और भी जरूरी हो जाता है। हालांकि, इस बीमारी के लिए कोई विशेष वैक्सीन नहीं है, लेकिन प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर और संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट करके इससे बचाव
किया जा सकता है। सही समय पर उपचार और सावधानियों का पालन करके इस बीमारी के प्रसार
को रोका जा सकता है ।
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