कोचिंग सेंटरों के विनियमन हेतु दिशा निर्देश
उच्चतर शिक्षा विभाग
: शिक्षा मंत्रालय (भारत सरकार)
- छात्र आत्महत्या के बढ़ते मामलों आग की घटनाओं, सुविधाओं की कमी के साथ-साथ शिक्षक के तरीकों के संदर्भ में निजी कोचिंग सेंटरों से संबंधित मुद्दे समय समय पर सरकार का ध्यान अपनी और आकर्षित करते रहते हैं।
- किसी निश्चित रीति या विनिमन के अभाव में देश में अनियमित निजी कोचिंग सेंटरों की संख्या बढ़ती जा रही है, ऐसे सेंटरों या केन्द्रों या संस्थाओं द्वारा छात्रों से अत्यधिक फ़ीस वसूलने, छात्रों पर अनुचित तनाव के परिणाम स्वरुप छात्रों द्वारा आत्महत्या करने, आग और अन्य दुर्घटनाओं के कारण बहुमूल्य जीवन की हानि तथा इन केन्द्रों या संस्थाओं द्वारा अपनाई जा रही कई अन्य कदाचार की घटनाएं मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई है।
- इन मुद्दों को कई बार संसद में बहस, चर्चा और सवालों के जरिए भी उठाया गया है।
- यह ध्यान में रखते हुए की (+2)प्लस टू स्तर की शिक्षा का विनियमन राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों की जिम्मेदारी है, इसलिए इन संस्थाओं को राज्य/संघ राज्य क्षेत्रीय सरकारों द्वारा सर्वोत्तम रूप से विनियमित किया जा रहा है।
प्राइवेट कोचिंग सेंटर के लिए केंद्र सरकार का नया रूल 16 साल से कम उम्र का नामांकन नहीं कर सकते
प्राइवेट कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने के लिए दिशा निर्देश एक कानूनी ढांचे
की आवश्यकता को संबोधित करने और निजी कोचिंग केन्द्रों के अनियमित विकास को प्रबंध
करने के लिए तैयार किया गया है।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित नए दिशा
निर्देश के अनुसार कोचिंग सेंटर 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों का नामांकन नहीं कर सकते हैं, इसके
साथ ही भ्रामक वादे नहीं कर सकते, रैंक या
अच्छे अंक लाने की गारंटी नहीं दे सकते हैं।
नई दिशा निर्देश में अत्यधिक फिस वसूलने
या अन्य कदाचार में शामिल होने पर कोचिंग सेंटर पर एक लाख रुपए तक का वित्तीय जुर्माना
लगाने या उनका पंजीकरण रद्द करने का प्रावधान किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार कोचिंग सेंटर संस्थाओं को विनियमित करने के लिए तीसरा निर्देश
एक कानूनी ढांचे की आवश्यकता को संबोधित करने और निजी कोचिंग केन्द्रों को अनियमित
विकास को प्रबंध करने के लिए तैयार किए गए हैं ।
मंत्रालय के नए दिशा निर्देश
छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों, आग की घटनाओं, कोचिंग संस्थाओं में सुविधाओं की कमी के साथ-साथ उनके द्वारा अपनाए
जाने वाली शिक्षण पद्धतियों के बारे में सरकार को मिली शिकायत के बाद यह नई दिशा निर्देश
केंद्र सरकार की ओर से आई है ।
कोचिंग सेंटर द्वारा आचार संहिता
- प्रत्येक कक्षा या बैच में नामांकित छात्रों की संख्या को विवरणिका में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाए और वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाए | किसी भी स्थिति में पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान कक्षा में या बैच में ऐसे नामांकन में वृद्धि नहीं की जाएगी |
- प्रवेशित छात्रों की संख्या प्रत्येक कक्षा में एक संतुलित शिक्षक छात्र अनुपात बनाए रखने और ट्यूटर और परामर्शदाताओं के साथ संबंध बनाने के अधिक अवसर पैदा करने की आवश्यकताओं की अनुरूप हो सकती है | यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि छात्र शिक्षकों से जुड़ने में सक्षम हों और छात्र को स्क्रीन या ब्लैक बोर्ड तक आसान पहुंच और देखने में सुविधा हो |
- कोचिंग सेंटर 16 वर्ष से कम आयु के छात्रों का नामांकन नहीं करेंगे या छात्रों का नामांकन केवल माध्यमिक विद्यालय परीक्षा के बाद ही होना चाहिए |
- छात्रों को पाठ्यक्रम में नामांकन से पहले परीक्षा की कठिनाई, पाठ्यक्रम, तैयारी की गहनता के अस्तर और छात्र से अपेक्षित प्रयासों के बारे में अच्छी तरह से अवगत कराया जाएगा |
- छात्रों को शैक्षिक वातावरण सांस्कृतिक जीवन वास्तविकताओं और स्कूल स्तर की परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बीच अंतर के बारे में जागरूक किया जाएगा |
- इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के विकल्पों के अलावा छात्रों को अन्य करियर विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान किया जाए, ताकि वे अपने भविष्य को लेकर तनाव ग्रस्त ना हो और वैकल्पिक करियर का नया विकल्प चुन सकें |
- छात्र की क्षमता का आकलन करने के लिए प्रवेश या मॉक टेस्ट आयोजित किया जा सकता है | छात्र की क्षमता और रुचि के आधार पर कोचिंग सेंटर माता-पिता को छात्र की क्षमता की यथार्थवादी अपेक्षा बता सकता है और आगे का रास्ता सुझा सकता है |
- छात्रों और अभिभावकों को इस बात से अवगत कराया जाएगा की कोचिंग केंद्र में प्रवेश मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, कानून आदि संस्थाओं में प्रवेश या प्रतियोगी परीक्षा में किसी भी तरह से सफलता की गारंटी नहीं है |
- कोचिंग केंद्र को मानसिक स्वास्थ्य के पेशेवरों के सहयोग से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में समय-समय पर कार्यशालाएं और संवेदीकरण सत्र आयोजित करने चाहिए |
- कोचिंग सेंटरों को छात्रों और अभिभावकों के बीच शिक्षा शास्त्र पाठ्यक्रम की समय सीमा और कोचिंग सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जागरूक पैदा करना चाहिए | उन्हें अपने बच्चों पर अनावश्यक मानसिक दबाव और अपेक्षाओं के बोझ के नकारात्मक प्रभावों के बारे में परामर्श दिया जा सकता है |
- कोचिंग केंद्र अपने द्वारा आयोजित मूल्यांकन परीक्षा के परिणाम को सार्वजनिक नहीं करेगा | मूल्यांकन परीक्षा को गोपनीय रखते हुए इसका उपयोग छात्रों के प्रदर्शन के नियमित विश्लेषण के लिए किया जाना चाहिए और जिस छात्र का शैक्षणिक प्रदर्शन खराब हो रहा है उसे इस दिशा निर्देशों के प्रावधानों के अनुसार परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए।
दंड(Penalties)
सक्षम प्राधिकारी के पास सिविल न्यायालयों की शक्ति होगी सक्षम
प्राधिकारी के पास किसी भी मुकदमे पर विचार करने के लिए ऐसी शक्ति होगी जो सिविल प्रक्रिया
संहिता 1908 (1908 का केंद्रीय अधिनियम संख्या 5) के तहत अदालत में निहित है:-
- शपथ पत्र के माध्यम से प्रमाण के साथ-साथ स्वीकार करना |
- किसी व्यक्ति को समन करना और उसकी उपस्थिति सुनिश्चित करना और शपथ पर उसकी जांच करना|
- अभिलेखों के प्रस्तुतीकरण को लागू करना और लागत अधिनिर्णित करना |
पंजीकरण या सामान्य शर्तों के किसी भी नियम और शर्तों के उल्लंघन
के मामले में, कोचिंग सेंटर को निम्नानुसार
दंड के लिए उत्तरदाई होगा:-
- पहले अपराध के लिए ₹25000 |
- दूसरे अपराध के लिए ₹100000 |
- तीसरी अपराध में पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा |
पंजीकरण रद्द करना
यदि सक्षम प्राधिकारी इस बात से संतुष्ट हैं की कोचिंग केंद्र
ने निर्देशानुसार किसी भी प्रावधान का उल्लंघन किया है या किसी भी निबंध या शर्तों
का उल्लंघन किया है इसके अध्यधीन पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन प्रदान किया गया था, तो प्रासंगिक
कानून के उल्लंघन के लिए की जाने वाली किसी भी अन्य दंडात्मक कार्रवाई पर प्रतिकूल
प्रभाव डाले बिना कोचिंग सेंटरों को दिया गया पंजीकरण प्रमाण पत्र किसी भी समय रद्द
किया जा सकता है |
बसर्ते की, सक्षम प्राधिकारी द्वारा ऐसे प्रमाण पत्र धारक को प्रस्तावित आदेश के विरुद्ध कारण बताने का उचित
अवसर दिए बिना कोई ऐसा आदेश पारित नहीं किया जाएगा |
अपील करने की प्रक्रिया
किसी भी कोचिंग सेंटर को पंजीकृत करने से मना करने या उसके नवीनीकरण या रजिस्ट्रेशन
रद्द करने के आदेश से प्रभावित कोई भी व्यक्ति ऐसे आदेश की प्राप्ति की तारीख से
30 दिनों के भीतर समुचित सरकार द्वारा यथा विनिर्दिष्ट रीति से अपीलीय प्राधिकारी से अपील कर सकता है |
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